किन डिफेंस स्टॉक्स में अनुमानित ग्रोथ?

 

स्टॉक का नामरेटिंगटारगेट प्राइसवर्तमान कीमत (CMP)अपसाइड पोटेंशियल
Astra Microwave ProductBUY₹980₹61061%
Apollo Micro SystemsBUY₹156₹11634%
Azad EngineeringBUY₹2150₹131963%
Bharat DynamicsHOLD₹1190₹101118%
Bharat ElectronicsBUY₹370₹25644%
DCX SystemsHOLD₹317₹25823%
Data Patterns IndiaBUY₹2450₹163050%
Hindustan Aeronautics (HAL)BUY₹5000₹334849%

(CMP: 24 फरवरी 2025)

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डिफेंस सेक्टर में जबरदस्त उछाल, निवेशकों को 63% तक रिटर्न की उम्मीद!

 

डिफेंस सेक्टर के लिए वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही शानदार रही ब्रोकरेज फर्म च्वाइस ब्रोकिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी डिफेंस कंपनियों (Defence PSUs) ने प्राइवेट कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया। इस मजबूती के पीछे लॉन्ग-टर्म रॉ मटेरियल कॉन्ट्रैक्ट्स और लागत नियंत्रण जैसी रणनीतियां अहम रहीं।

बेहतर आउटलुक को देखते हुए ब्रोकरेज हाउस ने कुछ चुनिंदा सरकारी और प्राइवेट डिफेंस स्टॉक्स की पहचान की है, जिनमें 63% तक का रिटर्न मिलने की संभावना बताई गई है।

सरकारी डिफेंस कंपनियों का प्रदर्शन

सरकारी डिफेंस कंपनियों ने सालाना आधार (YoY) पर 25.3% की ग्रोथ दर्ज की, जबकि EBITDA मार्जिन 140 बेसिस पॉइंट बढ़कर 32.4% हो गया। नेट प्रॉफिट (PAT) में 28.7% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

वहीं, प्राइवेट डिफेंस कंपनियों को सप्लाई चेन में रुकावटों और प्रोजेक्ट्स की देरी का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी ग्रोथ सिर्फ 7.5% (YoY) और 7.4% (QoQ) रही। तिमाही आधार पर EBITDA में 35% की बढ़ोतरी हुई, लेकिन सालाना आधार पर मार्जिन में गिरावट दर्ज की गई।

PM मोदी की US यात्रा और डिफेंस सेक्टर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान एडवांस डिफेंस सिस्टम को लेकर चर्चा हुई। F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स जैसे हाई-टेक डिफेंस इक्विपमेंट्स पर बातचीत हुई, जिससे भारत की डिफेंस क्षमताओं को नई मजबूती मिलने की संभावना जताई गई।

भारत और अमेरिका के बीच Javelin एंटी-टैंक मिसाइल और Stryker इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल के ज्वाइंट प्रोडक्शन की संभावनाओं पर विचार किया गया।

चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के मद्देनजर सहयोग पर जोर

रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की बढ़ती सैन्य क्षमताओं के चलते भारत और अमेरिका के बीच अहम डिफेंस डील्स पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट FY24 में ₹21,080 करोड़ तक पहुंच गया और FY29 तक इसे ₹50,000 करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

अमेरिका भारतीय डिफेंस प्रोडक्ट्स का बड़ा खरीदार बना हुआ है। Boeing और Lockheed Martin जैसी कंपनियां भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री के साथ साझेदारी कर रही हैं।

डिफेंस सेक्टर का भविष्य

आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत सरकार डिफेंस सेक्टर को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। आने वाले 5-10 वर्षों में सरकारी नीतियों के चलते डिफेंस इंडस्ट्री को आत्मनिर्भर और टिकाऊ बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार, GE F404-IN20 इंजन की डिलीवरी में देरी से Hindustan Aeronautics Limited (HAL) की ग्रोथ पर असर पड़ा है। लेकिन एक बार यह डिलीवरी ट्रैक पर आ गई, तो भारतीय डिफेंस कंपनियों को अधिक ऑर्डर मिलने और लॉन्ग-टर्म ग्रोथ का समर्थन मिलने की संभावना व्यक्त की गई है।

निष्कर्ष

रिपोर्ट में कहा गया कि डिफेंस सेक्टर के विस्तार की व्यापक संभावनाएं हैं। आत्मनिर्भर भारत पहल ने इस सेक्टर को नई गति दी है और अब यह केवल रणनीतिक महत्व तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत के आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण कारक भी बन रहा है।

 
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